ब्लैक होल एक खगोलीय शक्ति है, जिसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बहुत शक्तिशाली होता है। इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता है। ब्लैक होल के चारों ओर एक सीमा होती है, जिसे घटना क्षितिज कहते हैं। इसमें वस्तुएं गिर तो सकती हैं, लेकिन वापस नहीं आ सकती। इसलिए इसे ब्लैक होल कहा जाता है। यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है और उसके बदले में कुछ भी परिवर्तित नहीं करता है।
ब्लैक होल शब्द का प्रयोग सबसे पहले अमेरिकी भौतिकविद् जॉन व्हीलर ने 1960 के दशक के मध्य किया था। ब्लैक होल्स अंतरिक्ष में उपस्थित छिद्र हैं जहां गुरुत्व बल इतना अधिक होता है कि यहां से प्रकाश का पारगमन नहीं होता। चूंकि इनसे प्रकाश बाहर नहीं निकल सकता। अत: हमें ब्लैक होल्स दिखाई नहीं देते, वे अदृश्य होते हैं।
हालांकि विशेष उपकरणों से युक्त अंतरिक्ष टेलिस्कोप की मदद से ब्लैक होल की पहचान की जा सकती है। ये उपकरण यह बताने में भी सक्षम हैं कि ब्लैक होल के निकट स्थित तारे अन्य प्रकार के तारों से किस प्रकाश भिन्न व्यवहार करते हैं।
क्यों कहते हैं ब्लैक होल?
ये अपने ऊपर पड़ने वालेसारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है थोड़ा भी प्रकाश वापस Reflect नहीं करता है इसलिए इसके अंदर अंधेरा होने के कारण इसे Black Hole कहते हैं।