(A) प्रत्येक विद्यार्थी को व्यक्तिगत रूप से दत्त कार्य देना।
(B) प्रारंभिक व्याख्या के बाद कठिन सवालों को हल करने में बच्चे की सहायता न करना।
(C) बच्च उन बच्चों की संगति में श्रेष्ठतम रूप से सीख सकते हैं जिनका बुद्धि लब्धांक से कम होता है।
(D) सहयोगात्मक समस्या समाधान।