Explanation : विश्व संस्कृत दिवस रक्षा बंधन यानि श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। भारत सरकार ने रक्षा बंधन यानि कि श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन विश्व संस्कृत दिवस (World Samskrit Day) के रूप में मनाये जाने की घोषणा 1969 में की थी। श्रावणी पूर्णिमा ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व माना जाता है। ऋषि ही संस्कृत साहित्य के आदि स्रोत हैं इसलिए श्रावणी पूर्णिमा को ऋषि पर्व और संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2020 में विश्व संस्कृत दिवस 3 अगस्त को मनाया गया था। वही संस्कृत विश्वविद्यालयों के समूह ने विश्व संस्कृत दिवस 31 जुलाई से 6 अगस्त 2020 तक ‘संस्कृत सप्ताह समारोह’ के तौर पर मनाया। इस अवसर पर संस्कृत कवि सम्मेलन, लेखक गोष्ठी, छात्रों की भाषण तथा श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है, जिसके माध्यम से संस्कृत के विद्यार्थियों, कवियों तथा लेखकों को उचित मंच प्राप्त होता है। इसका उद्देश्य विश्व की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत को फिर से लोकप्रिय बनाना और बढ़ावा देना है।
गौरतलब है कि विश्व की अनेक भाषाओं की जननी संस्कृत को माना जाता है। इंग्लैंड, फ्रांस और जर्मनी सहित कई देशों के विश्वविद्यालयों में संस्कृत शिक्षा दी जा रही है। ये भी मान्यता है कि इसी दिन से प्राचीन भारत में नया शिक्षण सत्र शुरू होता था। गुरुकुल में छात्र इसी दिन से वेदों का अध्ययन शुरू करते थे, जो पौष माह की पूर्णिमा तक चलता था। पौष माह की पूर्णिमा से सावन की पूर्णिमा तक अध्ययन बंद रहता था। आज भी देश में जो गुरुकुल हैं, वहां सावन माह की पूर्णिमा से ही वेदों का अध्ययन शुरू होता है। बतादें कि कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरू से तकरीबन 300 किमी दूर मौजूद मत्तूर गांव देश का एकमात्र संस्कृत भाषी गांव है। यहां के लोग दैनिक जीवन से लेकर आम बोलचाल में भी संस्कृत भाषा का ही प्रयोग करते हैं।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : नीतिशतक के लेखक भर्तृहरि है। भर्तृहरि शतकत्रय के प्रणेता कहे जाते हैं। ये तीन शतक हैं– श्रृंगारशतक, नीतिशतक और वैराग्यशतक। भर्तृहरि वाक्यपदीय के भी रचयिता माने जाते हैं। संभवत: वैराग्यशतक इनमें कवि की अंतिम रचना है। श्रृंगारशतक क ...Read More
Explanation : हिरण (Hiran) को संस्कृत में कुरंग: कहते हैं। वही हिरन का बच्चा को संस्कृत में हरिणकः कहते है। हिरण का पर्यायवाची शब्द हैं – मृग, कुरंग, हिरन, सारंग, हिरण, कृष्णसार। संस्कृत (Sanskrit) विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। इसी से आधुनिक ...Read More
Explanation : नमस्ते (Namaste) को संस्कृत में नमस्कार: कहते हैं। संस्कृत शब्द नमस् सदैव प्रामति, अभिवादन, प्रणाम, पूजा में प्रयुक्त होता है। नमस्कार पुल्लिंग शब्द है। नमस्कार के समानार्थी शब्द अभिवादन, प्रणाम, सलाम, वंदना आदि है। संस्कृत (Sans ...Read More
Explanation : दुकान (Dukan) को संस्कृत में आपणः कहते हैं। मंडी को भी आपणः कहा जाता है। आपणः (आणप्+घञ्) पुल्लिंग शब्द है। जबकि व्यापारी, सौदागर, दुकानदार को संस्कृत में विपणिन् कहते है। यह भी पुल्लिंग शब्द है। संस्कृत (Sanskrit) विश्व की सबसे ...Read More
Explanation : आलू को संस्कृत में आलुकम् कहते है। संस्कृत में सब्जियों के नाम अधिकतर TGT, PGT, UGC, TET आदि परीक्षाओं में अधिकतर पूछे जाते है। Vegitables Name in Sanskrit के अंतर्गत संस्कृत में सब्जियों के नाम भी अकसर गूगल पर सर्च किये ...Read More
Explanation : आलू (Aaloo) को संस्कृत में आलुकम् कहते हैं। जबकि आलू की टिकिया को पक्कालुः कहते है। संस्कृत (Sanskrit) विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। इसी से आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली आदि उत्पन्न हुई हैं। भा ...Read More
Explanation : फल (Phal) को संस्कृत में फलम् कहते हैं। इसी तरह फलागम के फल प्राप्ति और फलोच्चय के फलों का ढ़ेर कहते है। संस्कृत (Sanskrit) विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। इसी से आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली आदि उत्पन ...Read More
Explanation : स्त्रीणां माद्यं प्रणय वचनं विभ्रमो हि प्रियेषु का भावार्थ– स्त्रियों का प्रिय के प्रति विलास प्रारम्भिक प्रार्थना वाक्य होता है। मेघ के प्रति निर्विन्ध्या द्वारा दिखाये गये विभ्रम के संदर्भ में। ...Read More
Explanation : ते हि नो दिवसा गता: का भावार्थ– हमारे वे दिन बीत गये। (अनुष्टुप् छंद) वाक्य प्रयोग– 'ते हि नो दिवसा गता:' और यह सूक्ति मुँह से निकलते ही उन्हें उस दिन की याद आ आई, जब नए कमिश्नर साहब के आने के बाद वे अपने गुरु पंडित जी के साथ उन् ...Read More
कादम्बरी बाणभट्ट की रचना है। बाण के नाम से दो गद्या काव्य सर्वप्रसिद्ध है एक हैं–हर्षचरित और दूसरा कादम्बरी। बाण की तीसरी कृति चण्डीशतक है जो एक गीतिकाव्य है। बाण ने दो काव्य-नाटक भी लिखे हैं, जिनमें एक का नाम है पार्वतीपरिणय और दूसरे का नाम है मुक ...Read More
Web Title : Vishwa Sanskrit Diwas Kab Manaya Jata Hai