Explanation : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता पैदा करना होता है। मानसिक बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है कि आप अपनी जीवन शैली को व्यवस्थित रखे। पर्याप्त नींद ले, समय पर आराम करें और उचित भोजन करें। मानसिक रोग के शिकार बहुत-से लोग इलाज करवाने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग उनके बारे में न जाने क्या सोचेंगे। आपको बता दे कि मानसिक रोग बहुत से प्रकार का हो सकता है। इसमें मस्तिष्क से जुड़े प्रत्येक तरह की समस्याओं को शामिल किया जा सकता है। जैसे अल्जाइमर, ऑटिज्म, डिप्रेशन, तनाव, चिंता, डिस्लेक्सिया, कमजोर याददाश्त, डर लगना, भूलने की आदत आदि है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ ने वर्ष 1992 में विश्वभर के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को वास्तविक रूप देने हेतु विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) की स्थापना की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार विश्व भर के 450 मिलियन से अधिक लोग मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं। भारत में लगभग 1.5 मिलियन व्यक्ति, जिनमें बच्चे एवं किशोर भी शामिल है, गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हैं। मानसिक बीमारी व्यक्ति के महसूस, सोचने एवं काम करने के तरीकें को प्रभावित करती हैं। यह रोग व्यक्ति के मनोयोग, स्वभाव, ध्यान और संयोजन एवं बातचीत करने की क्षमता में समस्या पैदा करता हैं। अंततः व्यक्ति असामान्य व्यवहार का शिकार हो जाता है। जैसे कि सामान्य स्वास्थ्य देखभाल कभी भी अकेले शारीरिक प्राथमिक उपचार के नहीं होती है, वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली अकेले मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार के नहीं होती है।
मानसिक बीमारियों से बचाव के लिएइन बातों का रखें ध्यान —
बीमारी, आर्थिक परेशानी के कारण घर का सदस्य चिंतित है तो उससे सकारात्मक बातें करें।
चिंता और तनाव से बचने के लिए योग, संगीत, पेंटिंग, बागवानी, लेखन में समय बिताएं।
भूख न लगना, हताशा, चिंतित होने पर उसको अकेला न छोड़े, उसके साथ समय बिताएं।
मानसिक रोगी हैं तो उनकी निगरानी, चिकित्सकों से परामर्श और काउंसिलिंग कराते रहें।
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