Explanation : विनोबा को हिंदी भाषा अधिक प्रिय थी। वे भारत में शिक्षा और संस्कृति के विकास, समूचे राष्ट्र जीवन के सुचारु संगठन तथा संचालन के लिए भारतीय भाषाओं का, विशेष रूप से हिंदी का महत्व जानते थे। इन्होंने स्वाधीन भारत में राष्ट्रीय एकता, सर्वधर्म समभाव, समानता तथा सेवा बन्धुत्व की भावना के साथ हिंदी भाषा में प्रचार किया। इन्होंने वेद से लेकर भक्ति-साहित्य और विभिन्न धर्मों का गहन अध्ययन किया तथा उनकी व्याख्या की। वह मानते थे कि दुनिया को बनाने वाली तीन ताकतें हैं-विज्ञान, अध्यात्म एवं साहित्य। उनकी दृष्टि में मानव सभ्यता के भावी विकास के लिए विज्ञान और आध्यात्म को जोड़ना बहुत जरूरी है और दोनों को जोड़ने वाली कड़ी साहित्य है। उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई किताबें लिखीं। ज्यादातर किताबें अध्यात्म पर थीं। मराठी, तेलुगु, गुजराती, कन्नड़, हिंदी, उर्दू, इंग्लिश और संस्कृत समेत कई भाषाओं पर उनकी पकड़ थी। उन्होंने संस्कृति में लिखे कई शास्त्रों का सामान्य भाषा में अनुवाद किया। उन्होंने जो किताबें लिखीं उनमें कुछ स्वराज्य शास्त्र, गीता प्रवचन, तीसरी शक्ति अहम हैं।
आचार्य विनोबा भावे अंग्रेजी, फ्रेंच और जर्मन भाषाओं के ज्ञाता थे। उनके लिए संस्कृत भाषा के ज्ञान का अपना विशेष महत्व है, क्योंकि वे वैदिक ग्रन्थों की संस्कृत का प्रयोग करते थे। वे भूदान पदयात्रा करते हुए समूचे भारत में जहाँ भी गए, वहाँ की भाषा सीखी, वहाँ के मूल्यवान भक्ति साहित्य का अध्ययन किया। उन्होंने कुरान का अध्ययन करने के लिए अरबी भाषा को सीखा। इस कारण विविधता में एकता का दर्शन करने वाले अद्वितीय आचार्य विनोबा ने 50 वर्षों तक वेदों का अध्ययन-मनन कर सार निकाला और मंत्रों की नई व्याख्या की। विनोबा की दृष्टि में वेदों की वाणी संतवाणी है, बुद्धवाणी और भक्ति साहित्य उसी का अगला विकास है। ....अगला सवाल पढ़े
Explanation : भारतीय राष्ट्रवाद के जनक राजा राममोहन राय (Raja Ram Mohan Roy) है। सामाजिक एवं धार्मिक आंदोलनों के सूत्रधार राजा राममोहन राय को भारत के नवजागरण का अग्रदूत, अतीत और भविष्य के मध्य सेतु, भारतीय राष्ट्रवाद के जनक, आधुनिक भारत के पित ...Read More
Explanation : भारतीय जागृति का जनक राजाराम मोहन राय (Raja Ram Mohan Roy) को कहा जाता है। इन्हें “आधुनिक भारत के निर्माता” और “आधुनिक भारत के पिता” और “बंगाल पुनर्जागरण के पिता” के नाम से भी जाना जाता था। राजाराम मोहन राय ने अगस्त, 1828 में कलक ...Read More
Explanation : हिटलर जर्मनी का चांसलर वर्ष 1933 में बना तथा इस पद पर वह 30 अप्रैल, 1945 (मृत्यु तक) तक रहा। हिटलर इतिहास के सबसे खतरनाक नेता माने जाते थे जिनके सामने पूरा विश्व कांपता था। हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 को ऑस्ट्रिया में हुआ था। ...Read More
Explanation : रामकृष्ण मिशन की स्थापना कलकत्ता के पास हुई थी। इसका मुख्यालय कोलकाता के निकट बेलुड़ में है और इसकी दुनिया में 179 शाखाएं है। रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1 मई 1897 को रामकृष्ण परमहंस के परम् शिष्य स्वामी विवेकानन्द ने की। इस मिशन की ...Read More
Explanation : रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानन्द ने 1 मई, 1897 को की थी, जो रामकृष्ण परमहंस के परम् शिष्य थे। इसका मुख्यालय कोलकाता के निकट बेलूर मठ में है। इस मिशन की स्थापना के केंद्र में वेदांत दर्शन का प्रचार-प्रसार है। रामकृष्ण मि ...Read More
Explanation : ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन राय थे। इन्होंने उर्दू एवं फारसी की शिक्षा पटना में रह कर प्राप्त की थी। राजा राममोहन राय के पश्चात केशवचंद्र सेन ने ब्रह्म समाज को आगे बढ़ाया। इनके प्रेरणा से पटना एवं गया में ब्रह्म समाज की श ...Read More
Explanation : जुलाई, 1931 में बिहार में समाजवादी दल का गठन जयप्रकाश नारायण, फूलन प्रसाद वर्मा एवं कुछ अन्य लोगों ने मिलकर किया था। इस पार्टी की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य यह था कि देश की आर्थिक विकास की प्रक्रिया राज्य द्वार नियंत्रित हो तथा र ...Read More
Explanation : कुम्हरार (Kumhrar) में प्राचीन शहर पाटलिपुत्र के पुरातात्विक अवशेष पाए गए हैं। मौर्य राजधानी पाटलिपुत्र का सम्बन्ध कुम्हरार (Kumhrar) और बलंदीबाग के पुरातात्विक अवशेषों से है। यहाँ की खुदाई 1896 से 1929 तक तीन बार सीए मिल्ज के ने ...Read More
Explanation : बुलंदीबाग पाटलिपुत्र का प्राचीन स्थान था। बुलंदीबाग नामक प्राचीन स्थल मगध के समीप स्थित पाटलिपुत्र के लिए किया जाता है। यहां पर हुए उत्खनन में कुम्हार एवं बुलंदीाग से पाटलिपुत्र से संबंधित अभिलेखीय साक्ष्य मिले हैं। यहाँ की खुदाई ...Read More
Explanation : अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश सेना का कमांडर चार्ल्स कार्नवालिस था। 4 जुलाई 1776 को, तेरह अमेरिकी कॉलोनियों ने दूसरी बार फिलाडेल्फिया में सम्मेलन किया। थॉमस जेफरसन द्वारा एक पेपर का मसौदा तैयार किया गया था और तेर ...Read More
Web Title : Vinoba Ko Kaun Si Bhasha Adhik Priya Thi