Explanation : विजया एकादशी व्रत 16 फरवरी 2023 दिन बृहस्पतिवार को है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। विजया एकादशी अपने नामानुसार विजय प्रदान करने वाली है। भयंकर शत्रुओं से जब आप घिरे हों और पराजय सामने खड़ी हो उस विकट स्थिति में विजया नामक एकादशी आपको विजय दिलाने की क्षमता रखता है। फाल्गुन मास की कृष्ण एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस एकादशी के व्रत से व्रती को हर कार्य में सफलता प्राप्त तो प्राप्त होती ही है साथ ही व्रती को पूर्वजन्म से लेकर इस जन्म के पापों से छुटकारा मिलता है। यानि जैसा इस एकादशी का नाम है वैसा ही फल प्राप्त होता है।
एकदशी के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार स्वर्ण, रजत, ताम्बा अथवा मिट्टी का कलश में पंचपल्लव रखकर श्री विष्णु की मूर्ति स्थापित करें और विधि सहित धूप, दीप, चंदन, फूल, फल एवं तुलसी से प्रभु का पूजन करें। व्रती पूरे दिन भगवान की कथा का पाठ एवं श्रवण करें और रात्रि में कलश के सामने बैठकर जागरण करे। द्वादशी के दिन कलश को योग्य ब्राह्मण अथवा पंडित को दान कर दें।
विजया एकादशी व्रत कब है?
विजया एकादशी फरवरी 16, 2023, बृहस्पतिवार
विजया एकादशी मार्च 6, 2024, बुधवार
विजया एकादशी फरवरी 24, 2025, सोमवार
विजया एकादशी फरवरी 13, 2026, शुक्रवार
विजया एकादशी मार्च 4, 2027, बृहस्पतिवार
विजया एकादशी फरवरी 20, 2028, रविवार
विजया एकादशी फरवरी 9, 2029, शुक्रवार
विजया एकादशी फरवरी 28, 2030, बृहस्पतिवार
विजया एकादशी फरवरी 17, 2031, सोमवार
विजया एकादशी मार्च 8, 2032, सोमवार
विजया एकादशी फरवरी 25, 2033, शुक्रवार
विजया एकादशी फरवरी 15, 2034, बुधवार
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