विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य क्या है?

(A) कमजोर वर्ग के समूहों को निःशुल्क विधिक सेवाएँ
(B) औद्योगिक श्रमिकों को निःशुल्क विधिक सेवाएँ
(C) विकलांग व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सेवाएँ
(D) उपयुक्त सभी

Answer : उपयुक्त सभी

Explanation : विधिक सेवा प्रदान करने वाले प्राधिकरण से संबंधित विधेयक वर्ष 1987 में पारित किया गया था। उसके पश्चात् राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) का गठन किया गया। भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है है और भारत के सर्वोच्च न्यायालय का द्वितीय वरिष्ठ न्यायाधीश प्राधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष होता है। संविधान के अनुच्छेद 39 A अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिये समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22 (1), विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिये राज्य को बाध्य करता है।यह कमजोर वर्ग के समूहों को निःशुल्क विधिक सेवाएँ प्रदान करता है। यह निम्न समूहों को सेवाएं प्रदान करता है–
• बालक एवं महिला को
• अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय को
• औद्योगिक श्रमिकों को
• आपदा से ग्रसित लोगों को
• विकलांग व्यक्तियों को
• ₹ 1 लाख से कम वार्षिक आय वाले व्यक्ति को
• ₹ 2 लाख से कम वार्षिक आय वाले ट्रांसजेंडर को (यह केवल दिल्ली में लागू है, पूरे भारत में लागू नहीं है)
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Vidhik Seva Pradhikaran Ka Uddeshya Kya Hai