वर्धन राजवंश की स्थापना किसने की थी?

(A) राजवर्धन
(B) आदित्यवर्धन
(C) प्रभाकरवर्धन
(D) पुष्यभूति

Answer : पुष्यभूति

Explanation : वर्धन वंश को पुष्यभूति वंश भी कहा जाता है। बाणभट्ट के अनुसार वर्धन वंश की स्थापना पुष्यभूति ने की थी। इस वंश का उदय हरियाणा के थानेश्वर में गुप्तकाल के बाद हुआ था। इस वंश का सबसे महान शासक हर्षवर्धन (606-647 ई.) था, जिसकी राजधानी कन्नौज थी। हर्षचरित, कादम्बरी तथा चण्डी शतक का लेखक बाणभट्ट हर्ष का दरबारी कवि था। हर्ष के दरबार में चीनी यात्री ह्वेनसांग आया था।

वर्धन वंश के महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न- वर्धन वंश का संस्थापक कौन था?
उत्तर - प्रभाकर वर्धन
प्रश्न- प्रभाकर वर्धन के कितने पुत्र व पुत्री थे?
उत्तर- प्रभाकर वर्धन के 2 पुत्र राज्यवर्धन तथा हर्षवर्धन तथा एक पुत्री राज्यश्री थी।
प्रश्न- प्रभाकर वर्धन के समय वर्धन वंश की राजधानी क्या थी?
उत्तर - प्रभाकर वर्धन के समय वर्धन वंश की राजधानी थानेश्वर थी।
प्रश्न- राजवर्धन की हत्या किस शासक ने की थी?
उत्तर - राज्यवर्धन की हत्या गोंड़ शासक शशांक ने की थी।
प्रश्न- जब हर्ष राजगद्दी पर बैठा तब उसकी आयु क्या थी?
उत्तर - जब हर्ष राजगद्दी पर बैठा था वह मात्र 16 वर्ष का था। प्रश्न- हर्षवर्धन का दरबारी कवि कौन था?
प्रश्न- हर्षवर्धन का दरबारी कवि बाणभट्ट था।
प्रश्न- बाणभट्ट ने कौन सा ग्रंथ लिखा?
उत्तर - बाणभट्ट ने हर्षचरित नामक ग्रंथ लिखा जिसमें वर्धन वंश के इतिहास का वर्णन है।
प्रश्न- राज्यश्री का विवाह किससे हुआ था?
उत्तर - राजश्री का विवाह कन्नौज के शासक ग्रह वर्मा से हुआ था।
प्रश्न- हर्षवर्धन को किसने पराजित किया?
उत्तर - हर्षवर्धन को चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय ने नर्मदा नदी के तट पर पराजित किया।
प्रश्न- हर्षवर्धन के शासनकाल में कौन सा चीनी यात्री आया था?
उत्तर - हर्षवर्धन के शासनकाल में हवेनसांग चीनी यात्री भारत आया था।
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Vardhan Rajvansh Ki Sthapna Kisne Ki Thi