Explanation : उत्तराखंड में उगाई जाने वाली फसलों में सबसे महत्वपूर्ण समूह हैं – धान, गेहूं, मंडुवा तथा आलू। राज्य में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर गेहूँ की खेती की जाती है। उत्तराखंड राज्य में रबी एवं खरीफ फसलों की खेती अभिक और आपन की अपेक्षाकृत कम की जाती है। जी फसलों की बोआई पीना रुआत अर्थात् अक्टूबर से दिसंबर के मध्य तक और कटाई मार्च अप्रैल तक की जाती है। इन फसलों को कम जल और औसत भाग की आवश्यकता होती है। इसके अंतर्गत गेहूं, जौ, चना, मटर, मसर, सरसो, अलसी, आलू आदि फसले आती है। राज्य के मैदानी भागों में मुख्य रूप से गेहूँ, धान, गत्रा, उर्द, मूंग, चना, मटर, सोयाबीन आदि की खेती की जाती है, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में उपरोक्त फसलों के अलावा मास (उर्दू), तोर, गहथ, राजमा, भट्ट, चौलाई, मंडुवा, झंगोरा, चीणा, काकुन, उगल, रयाल, लाल धान आदि फसलों की खेती की जाती हैं।
खरीफ की फसलें अधिक जल और अधिक ताप चाहने वाली होती हैं। अतः इनकी बोआई मई से जुलाई तक और कटाई, सितंबर-अक्टूबर तक की जाती है। इसके अन्तर्गत चावल, कोदो, कौणी, मंडुआ, झंगोरा, मक्का, चौलाई, उड़न, तिल, गजमा, मूंग, बांजरा, आदि फसलें आती हैं। 6. राज्य के गढ़वाल मण्डल की अपेक्षा कुमाऊ मण्डल में कृषि भूमि अधिक है।
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