‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ (Transparency International) एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है जो एक वार्षिक भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (Corruption Perception Index-CPI) के आधार पर विभिन्न राष्ट्रों में भ्रष्टाचार की स्थिति का आकलन करने वाली स्वतंत्र संस्था है। ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ हर साल वर्ष 1995 से ‘भ्रष्टाचार बोध सूचकांक’ (CPI) का प्रकाशन किया करती है। 0-10 स्केल वाले इस सूचकांक में जिसका मान जितना अधिक होगा, वह देश उतना ही कम भ्रष्ट माना जाता है। सी.पी.आई. (Corruption Perception Index-CPI) का मान जितना कम होता है, भ्रष्टाचार उतना ही अधिक माना जाता है।
‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट में सर्वोच्च सूचकांक वाला देश सबसे ऊपर होता है तथा सबसे कम सूचकांकवाला देश सबसे नीचे स्थान प्राप्त करता है। सूची में सबसे ऊपर स्थान पाने वाले देश को सबसे कम भ्रष्ट तथा सबसे नीचे स्थान पाने वाले देश को सर्वाधिक भ्रष्ट करार दिया जाता है। ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ की वर्ष 2021 में 180 देशों की सूची में भारत का 85वां स्थान रहा है। इसका तात्पर्य है कि सूची में शामिल 180 देशों में 95 देश भारत से नीचे हैं अर्थात् इन देशों में भ्रष्टाचार भारत से अधिक है। वर्ष 2020 में भारत का 86वां स्थान था। इससे पूर्व वर्ष 2019 में भारत इस सूचकांक में 80वें स्थान पर था।