5 अक्टूबर, 2015 को 12 पैसिफिक राष्ट्रों यथा– आस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, जापान, मलेशिया, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, पेरू, सिंगापुर, अमेरिका और वियतनाम ने ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (Trans-Pacific Partnership : TPP) पर हस्ताक्षर किये। TPP से विश्व की अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार का रुख बदलने की संभावना है। TPP के 12 सदस्यों की वैश्विक GDP में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वाणिज्यिक व्यापार में लागभग 60 प्रतिशत हिस्सेदारी। अर्थव्यवस्था के आकार की दृष्टि से यह विद्यमान उत्तरी अमरीका मुक्त व्यापार क्षेत्र (NAFTA) से बड़ा है। TPP व्यापार समझौते में न केवल टैरिफ समाप्त करने वाला विशाल क्षेत्रीय व्यापार समझौता शामिल है अपितु यह गैर-टैरिफ बाधाओं, अधिक कठोर श्रम एवं पर्यावरण विनियम, अधिकाधिक बौद्धिक सम्पदा अधिकार (IPR) संरक्षण, सरकारी खरीद एवं राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों को होने वाला लाभ सीमित करने में अधिकाधिक बौद्धिक सम्पदा अधिकार (IPR) संरक्षण, सरकारी खरीद एवं राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों को होने वाला लाभ सीमित करने में अधिकाधिक पारदर्शिता, स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकीय प्रतिस्पर्धा में पारदर्शिता और आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए कमतर मानदंडों को सम्मिलित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए उच्चतर वैश्विक मानदंड निर्धारित करने के बारे में है। इसमें नए एवं उद्यीमन मुद्दों के साथ-साथ क्रॉस-कटिंग मुद्दे जैसे इंटरनेट व डिजीटल अर्थव्यवस्था, राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों का वैश्विक व्यापार और निवेश में भागीदारी शामिल है।