तिरिया तेल अमीर हठ चढ़े न दूजी बाट का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) प्राय: स्थिति में उलट-फेर हुआ करता है
(B) प्रतिज्ञा पूरी करना, दृढ़ प्रतिज्ञ अपनी बात से नहीं हटते
(C) अवसर निकल जाने पर सहायता देना व्यर्थ है
(D) निरक्षर/अनपढ़ मनुष्य

Answer : प्रतिज्ञा पूरी करना, दृढ़ प्रतिज्ञ अपनी बात से नहीं हटते

Explanation : तिरिया तेल अमीर हठ चढ़े न दूजी बाट का अर्थ tiriya tel amir hath chadhe na duji baat है 'प्रतिज्ञा पूरी करना, दृढ़ प्रतिज्ञ अपनी बात से नहीं हटते।' हिंदी लोकोक्ति तिरिया तेल अमीर हठ चढ़े न दूजी बाट का वाक्य में प्रयोग होगा – आपने तो जैसा हमसे कहा था ​ठीक वैसा ही किया मान गये कि तिरिया तेल अमीर हठ चढ़े न दूजी बाट।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'तिरिया तेल अमीर हठ चढ़े न दूजी बाट' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Tiriya Tel Amir Hath Chadhe Na Duji Baat