Explanation : टिड्डी दल जयपुर के बाद अब झांसी तक पहुंच गया है। यह दल पाकिस्तान से चलकर अब आगरा की तरफ जा रहा है। इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी लगातार फसल को टिड्डी दल से बचाने के लिए किसानों को जागरूक कर रहे हैं। इसके लिए टिड्डी दल हेल्पलाइन नंबर 0522-2732063 जारी किया है। टिड्डी दल में इनकी संख्या करोड़ों में होती है। दो ढाई इंच लंबे टिड्डी गन्ना, बाजरा, मूंग, फल, सब्जी समेत तमाम फसलों को कुछ ही घंटों में खा जाते हैं।
टिड्डी दल दिनभर हवा की रफ्तार से उड़ता रहता है और शाम के छह-सात बजे जमीन पर बैठ जाता है। सुबह आठ बजे के बाद खेतों को खाने में लग जाता है। किसानों को तभी इन पर कीटनाशक रसायनों का छिड़काव करना चाहिए। टिड्डी दल से अपने खेतों के बचाव के कारगर तरीके निम्न हैं-
- खेतों में एक साथ मिलकर आग जलाकर पटाखे फोड़ें।
- बलुई मिट्टी वाले खेत टिड्डी दल की पसंद हैं। ये हमेशा बलुई मिट्टी में अंडे देता है, ऐसे में इन खेतों को खाली न रहने दें, जोत दें।
- खेतों में पानी भर दें, जिससे प्रजनन और अंडे देने की कोई गुंजाइश न रहे।
- थाली-खाली टिन को जोर से पीटें, ढोल नगाडे़ बजाकर तेज आवाज करें, इससे भी ये कीट भाग जाता है।
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