तेली खसम किया, फिर भी रूखा खाया का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) किसी सामर्थ्यवान की शरण में रहकर भी दु:ख उठाना
(B) अपने कुटुम्बी किसी को कष्टदायक नहीं जान पड़ते
(C) बुरे के साथ नेक भी बरबाद या बदनाम होता है
(D) किसी को कुछ न दे तो मीठी बात तो करें।

Answer : किसी सामर्थ्यवान की शरण में रहकर भी दु:ख उठाना

Explanation : तेली खसम किया, फिर भी रूखा खाया का अर्थ teli khasam kiya phir bhi rukha khaya है 'किसी सामर्थ्यवान की शरण में रहकर भी दु:ख उठाना।' हिंदी लोकोक्ति तेली खसम किया, फिर भी रूखा खाया का वाक्य में प्रयोग होगा – दादा साहब जैसे बलशाली और सामर्थ्यवान की शरण में जाकर भी विष्णुकान्त शास्त्री की जब घरेलू बंटवारा नहीं हो पाया तो उनके विरोधी व्यंग में बोले, 'तेली खसम किया, फिर भी रुखा खाया'।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'तेली खसम किया, फिर भी रूखा खाया' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Web Title : Teli Khasam Kiya Phir Bhi Rukha Khaya