Explanation : ताम्राश्म काल में महाराष्ट्र के लोग मृतकों के शरीर को फर्श के नीचे उत्तर से दक्षिण की तरह रखकर दफनाते थे। ताम्र पाषाण संस्कृति चौथे कालखंड में पाई गई है जिसे जोर्वे संस्कृति कहा जाता है। इनामगांव में जोर्वे संस्कृति चरण की सबसे व्यापक तसवीर उभरती है। जो महाराष्ट्र की संस्कृति है। इसकी सामान्य तिथि 1400 से 1000 ई.पू. के बीच है। यहां की एक प्रमुख विशेषता यह है कि बहुत सारे शवाधान कलश में किए गए हैं। ये कलश घरों के फर्श के नीचे उत्तर-दक्षिण दिशा में रखे गए हैं।
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Explanation : स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी की ऊंचाई 216 फीट है और यह हैदराबाद में स्थित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका अनावरण 5 फरवरी 2022 को किया था। संत श्री रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी’ बैठी हुई मुद्रा में दु ...Read More
Explanation : यूजीसी के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो पहले हो, तक के लिए होता है। जबकि उपाध्यक्ष और इसके अन्य सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष होता हैं। वर्तमान में यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार है। जिन्हें केंद्र सरका ...Read More
Explanation : तवांग फेस्टिवल का खास नृत्य 'याक डांस' है। अरुणाचल प्रदेश के मोनपा आदिवासी समुदाय का तीन दिवसीय तोरग्या महोत्सव (Torgya Festival) अरुणाचल प्रदेश के तवांग मठ में मनाया जाता है। त्योहार का मुख्य आकर्षण 'शा-ना छम (Sha-na Cham)' है, ...Read More
Explanation : काव्य शैली का प्राचीनतम नमूना काठियावाड़ के रुद्रदामन के अभिलेख में मिलता है। रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख अपनी शैली की रोचकता, भाव-प्रवणता एवं हृदयावर्जन के लिए प्रसिद्ध है। वस्तुतः वह एक छोटा गद्य-काव्य है। विशुद्ध संस्कृत में ल ...Read More
Explanation : हेलियोडोरस का बेसनगर अभिलेख केवल वासुदेव का उल्लेख होता है। शुंग वंश का नवां शासक भागभद्र था। उसके शासनकाल के 14वें वर्ष में तक्षशिला के यवन नरेश एन्टियालकीड्स का राजदूत हेलियोडोरस, उसके विदिशा स्थित दरबार में उपस्थित हुआ। उसने भ ...Read More
Explanation : तोलकाप्पियम ग्रंथ व्याकरण और काव्य से संबंधित है। द्वितीय संगम की एकमात्र अवशिष्ट 'तोलकाप्पियम' के रचनाकार तोलकाप्पियर थे। ये अगस्त्य ऋषि के शिष्य थे। 'तोलकाप्पियम' तमिल व्याकरण का ग्रंथ है। द्वितीय संगम का आयोजन कपाटपुरम् (अलैवा ...Read More
Explanation : अरिकामेडु बंदरगाह पोडुके नाम से 'दी पेरिप्लस ऑफ दी इरिथ्रियन सी' के लेखक को ज्ञात था। अरिकामेडु आधुनिक पांडिचेरी में स्थित है। विस्तृत खुदाई में यहां एक रोमन बस्ती मिली है। पेरिप्लस 80-115 ई. में एक अज्ञात ग्रीक नाविक द्वारा यूना ...Read More
Explanation : अर्द्धनारीश्वर एकांकी विद्या से संबंधित है। अर्द्धनारीश्वर के रूप में भी शिव की कल्पना की गई है तथा यह शिव और पार्वती के परस्पर तादात्म्य पर आधारित है। हरिहर के रूप में शिव और विष्णु को साथ दर्शाया गया जो वैष्णव व शैव धर्म के समन ...Read More
Explanation : अर्द्धनारीश्वर मूर्ति में आधा शिव तथा आधी पार्वती देव और उसकी शक्ति का योग का प्रतीक है। अर्द्धनारीश्वर के रूप में भी शिव की कल्पना की गई है तथा यह शिव और पार्वती के परस्पर तादात्म्य पर आधारित है। हरिहर के रूप में शिव और विष्णु क ...Read More
Explanation : मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज जौ था। नवपाषाणकालीन सभ्यता के प्रारंभ में मेसोपोटामियाई क्षेत्र में सर्वप्रथम अनाज को खाद्यान्न के रूप में प्रयुक्त किया गया, जिसका प्रमाण सातवीं सहस्राब्दी ईसा पूर्व से मिलने लगता है। ...Read More
Web Title : Tamrashm Kaal Mein Maharashtra Ke Log Mritako Ke Sharir Ko Pharsh Ke Niche Kis Tarah Rakhakar Daphanate The