Explanation : संगीत रत्नाकर ग्रंथ में जाति के 13 लक्षण माने गये हैं। संगीत रत्नाकर ग्रंथ के सात अध्याय हैं–जिसमें स्वरगताध्याय, रागविवेकाध्याय, प्रकीर्णकाध्याय, प्रबंधाध्याय, तालाध्याय, वाद्याध्याय तथा नर्तनाध्याय। इसमें शुरू के छ: अध्याय संगी
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