संस्कृत

  • ‘अर्थ गौरव’ के लिए कौन कवि प्रसिद्ध है?
    'अर्थ गौरव' के लिए महाकवि भारवि प्रसिद्ध हैं। भारवि प्रणीत किरातार्जुनीयम् महाकाव्य का सर्वश्रेष्ठ वैशिष्ट्य उनका अर्थगम्भीर्य है जिसका तात्पर्य हैं — अल्प शब्दों में प्रभूत अर्थ का सन्निवेश।' कविकुलगुरु कालिदास के उपमालड्कार प्रयोगों में सर्वाड्गीणा ...Read More
  • नलचंपू में किस रस की प्रधानता है?
    महाकवि त्रिविकम भट्ट विरचित 7 उच्छवास के प्राचीन चम्पूकाव्य नलचम्पू में श्रृडार रस की प्रधानता है। नलचम्पू का प्रतिपाद्य रस विप्रलम्भ श्रृडार है। राजा नल और दमयन्ती दोनों पथिक तथा हंस के द्वारा एक—दूसरे के अनुपम सौदर्य को सुनकर परस्पर आसक्त होते हैं ...Read More
  • ‘नलचम्पू’ कथा की नायिका है?
    'नलचम्पू' कथा की नायिका दमयन्ती है। दक्षिण देश में कुण्डिन नाम का एक नगर है। वहां के राजा भीम हैं। उनकी रानी प्रियंगुमज्जरी है। इनकी कोई संतान नहीं थी। एक दिन वन विहार करते समय एक बंदरी के बच्चे को देखकर इन दम्पत्ति को अपनी सन्तानहीनता के कारण बड़ा द ...Read More
  • नलचम्पू (Nal Champu) क्या है?
    त्रिविक्रम भट्ट द्वारा रचित 'नलचम्पू' में सभड्श्लेष का सर्वाधिक प्रयोग किया गया है। वे श्लेषप्रधान रचना के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने स्पष्ट रूप से माना है कि सभड्श्लेष के प्रयेाग के कारण अवश्य कुछ कठिनाई आ जाती है, परंतु योग्य कवि किसी एक रस को अपनाक ...Read More
  • राजा नल के महामंत्री का नाम है?
    राजा नल का महामंत्री सालडायन-सुत, श्रुतिशील है, जो समस्त विधाओं का आधार स्तंभ, नल का द्वितीय प्राण है। नल निषध देश का राजा है। इनके पिता का नाम वीरसने तथा माता का नाम रूपवती है। 'सालडायन' महाराजा वीरसेन के प्रधानमंत्री थे। नलचम्पू में 'बाहुक' नल का स ...Read More
  • Related Questions