शिवराजविजय में व्यासजी ने पाच्चाली रीति का आश्रय लिया गया है। डॉ. श्यामसुंदर दास के अनुसार, किसी कवि या लेखक की शब्द—योजना, वाक्यांशों का प्रयोग, उसकी बनावट और ध्वनि आदि का नाम ही शैली है। दंडी ने काव्यादर्श में 'अस्त्यनेको गिराममार्ग: सूक्ष्मभेदपरस्
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