Explanation : चरण धरत, चिंता करत, चितवत चारहुँ ओर। सुबरन को ढूंढ़त फिरत, कवि, कामी और चोर।। पंक्ति में श्लेष अलंकार होता है। यहां 'सुबरन' शब्द के तीन अर्थ– अच्छे वर्ण, अच्छे रंग और स्वर्ण है। श्लेष अलंकार की परिभाषा – 'श्लेष' का अर्थ है 'चिपकन
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