बालक की प्रथम पाठशाला उसका परिवार तथा प्रथम शिक्षक उसकी माता होती है। परिवार में ही सर्वप्रथम बालक अपनी मौलिक आवश्यकताओं एवं अपने रिश्तों को जानना प्रयास करता है।
शिक्षा मनोविज्ञान (Shiksha Manovigyan) दो शब्दों से मिलकर बना है, शिक्षा औ
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