16वीं शताब्दी में जो सुधार का आन्दोलन प्रवर्तित हुआ था, वह शीघ्र ही चर्च की परंपरागत शिक्षा और उसके शासकों (पोप) के अधिकार दोनों का विरोध करने लगे इसके परिणामस्वरूप यूरोप में कैथोलिक सम्प्रदाय, कैल्विन सम्प्रदाय आदि सम्प्रदाय प्रचलित हो गए। विश्व इति
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