दक्षिण भारत में स्थिर ग्राम जीवन की आधार-रेखा नव-पाषाणकालीन संस्कृति से प्राप्त होती है। खेती की फसलों में बाजरा और चना मिला हैं। मवेशियों, भेड़ बकरियों के विस्तृत अवशेष तथा अन्य पशुओं की अस्थियां मिली हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था में पालतू-पशुओं के महत्व
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