गुप्तकाल में प्रशासनिक सुविधा के लिए साम्राज्य को अनेक प्रांतों में विभक्त किया गया था। प्रांत को देश, अवनी अथवा भक्ति कहा जाता था। गुप्त प्रशासन के प्रमुख प्रांत सुराष्ट्र, पश्चिमी मालवा (अवंति), पूर्वी मालवा (एरण), तीरभुक्ति पुडंवर्धन, मगध आदि थे।
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