संसाधन होते नहीं बन जाते हैं यह ई. जिम्मरमैन का कथन है। संसाधन ऐसा स्त्रोत है, जिसका प्रयोग मनुष्य अपने फायदे के लिए करता है। जिम्मरमैन का मानना था कि कोई वस्तु प्रकृति में उपस्थित भले ही है, परन्तु जब तक हम उसका प्रयोग अपने फायदे के लिए नहीं करते है
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