संस्कृत प्रश्नोत्तरी

  • कथानक के प्रारंभ का काल है?
    'शिवराजविजय' काव्य का प्रारंभ सूर्योदय वर्णन (प्रात:) से होता है। इस गद्यकाव्य के प्रारंभ में कहा गया है कि 'अरुण एष प्रकाश: पूर्वस्यां भगवतो मरीचिमालिन:। अर्थात् पूर्व दिशा में भगवान सूर्य का यह लाल प्रकाश है। 'अरुण' शब्द से कथा का प्रारंभ करके उसे ...Read More
  • शिवराज विजय काव्य का प्रारंभ होता है?
    'शिवराजविजय' काव्य का प्रारंभ सूर्योदय वर्णन (प्रात:) से होता है। इस गद्यकाव्य के प्रारंभ में कहा गया है कि 'अरुण एष प्रकाश: पूर्वस्यां भगवतो मरीचिमालिन:। अर्थात् पूर्व दिशा में भगवान सूर्य का यह लाल प्रकाश है। 'अरुण' शब्द से कथा का प्रारंभ करके उसे ...Read More
  • शिवराज विजय के लेखक कौन है?
    शिवराज विजय के लेखक पंडित अम्बिकादत्त व्यास है। आधुनिक युग के प्रमुख गद्य कवि पंडित व्यास ने 'शिवराजविजय' वीर रस प्रधान गद्यकाव्य की रचना की है। इनकी अन्य प्रमुख रचनाएं हैं : अवतार मीमांस कारिका, कथाकुसमम्, गुप्तशुद्धि प्रदर्शनम्, दु:खद्रुमकुठार:, धर ...Read More
  • राजा की प्रकृति कैसी होती है?
    महाकवि बाणभट्ट प्रणीत कादम्बरी के शुकनासोपदेश में राजप्रकृति को विह्रला के रूप में वर्णित किया गया है। शुकनास ने चंद्रापीड को उपदेश देते समय कहा है — 'अहडारदाहज्वरमूर्च्छान्धाकरिता विह्रला हि राजप्रकृर्ति: अर्थात् राजा का स्वभाव आत्माभिमान रूपी दाह ज ...Read More
  • ‘ऐश्वर्यमिमिरान्धत्वम्’ यह कथन किस ग्रंथ का है?
    उपर्युक्त कथन बाणभट्ट प्रणीत कादम्बरी के 'शुकनासोपदेश' प्रकरण से है। 'ऐश्वर्य​तिमिरान्धत्वम्' अर्थात् ऐश्वर्य रूप तिमिर (नामक रोग) से उत्पन्न होने वाला अंधापन, जिनकी चिकित्सा अंजनलिप्त श्लाका से नहीं की जा सकती है।
    अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
    अश ...Read More
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