Explanation : अब पहुँची चपला बीच धार, छिप गया चाँदनी का कगार। इस पंक्ति में संयोग श्रृंगार रस है। वीभत्स रस की परिभाषा अनुसार– सड़ी हुई लाशें दुर्गन्ध आदि देखकर या अनुभव करके हृदय में घृणा या जुगुप्सा उत्पन्न होती है, यही 'जुगुप्सा' स्थायी भाव
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