Explanation : सम सुवरन सुखमाकर, सुखद न थोर। सीय अंग सखि कोमल, कनक कठोर।। पंक्ति में व्यतिरेक अलंकार है। व्यतिरेक अलंकार की परिभाषा – जहाँ उपमान की अपेक्षा उपमेय को काफी बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाता है। वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है। सामान्य हिंद
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