महान्यायवादी सर्वप्रथम भारत सरकार का विधि अधिकारी होता है। भारत का महान्यायावादी न तो संसद का सदस्य होता है और न मन्त्रिपरिषद् का सदस्य होता है, लेकिन वह किसी भी सदन में अथवा उनकी समितियों में बोल सकता है या भाग ले सकता है, किन्तु उसे मत देने का अधिक
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