Explanation : 'नभ में झपटत बाज लखि, भूल्यो सकल प्रपंच। कंपति तनु ब्याकुल नयन, लावक हिल्यों ने रंच।' पंक्ति में वीभत्स रस रस है। वीभत्स रस की परिभाषा अनुसार– सड़ी हुई लाशें दुर्गन्ध आदि देखकर या अनुभव करके हृदय में घृणा या जुगुप्सा उत्पन्न होती
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