राष्ट्रकूटों ने अपने शासन काल में जैन धर्म को संरक्षण प्रदान किया। इन्होंने हिंदू धर्म के अतिरिक्त जैन धर्म को अपना राज्य धर्म बनाया। अमोघवर्ष प्रथम, इंद्र चतुर्थ, कृष्ण द्वितीय तथा इंद्र तृतीय जैन धर्म के समर्थक थे। अमोघवर्ष प्रथम के राजदरबार में प्
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