मध्यकालीन भारत

  • भास्कर एक महान :
    आचार्य भास्कर प्रथम (600 ई.) एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री थे। ये ब्रह्मपुत्र के समकालीन थे। इन्होंने आर्यभट्ट के सिद्धांतों पर टीकायें लिखी एवं स्वतंत्र ग्रंथ भी लिखा है। इनके तीन प्रमुख ग्रंथ हैं - महाभास्कर्य, लघुभास्कर्य, और भाष्य। बतादें कि इस प्रकार ...Read More
  • तोल्काप्पियम कैसा ग्रंथ था?
    तोत्काप्पियम द्वितीय संगम साहित्य का एकमात्र अवशिष्ट ही नहीं प्रत्युत अद्यतन प्राचीन तमिल साहित्य का प्राचीनतम ग्रंथ है। इसके प्रणयनकर्त्ता तोल्काप्पियर ऋाष अगस्त्य के 12 योग्य शिष्यों में से थे। यह एक व्याकरण ग्रंथ है। जिसकी रचना सूत्र शैली में की ग ...Read More
  • रंगमहल संस्कृति संबंधित है?
    रंगमहल संस्कृति का संबंध कुषाण युग से है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रंगमहल नामक स्थान से कृषाण युगीन सिक्के, मिट्टी की मुहरे तथा मकान की प्राप्ति हुई है। बतादें कि इस प्रकार के प्राचीन एवं मध्यकालीन भारतीय इतिहास से सं​बंधित प्रश्न ...Read More
  • ‘अष्टाध्यायी’ किसके द्वारा लिखी गई है?
    व्याकरणाचार्य पाणिनी नंद शासक महापद्मनंद के समकालीन थे, अष्टाध्यायी इनकी प्रसिद्ध रचना है। पाणिनीकृत इस ग्रंथ से मौर्यकाल से पूर्व भारत के संबंध में हमें विशिष्ट जानकारी प्राप्त होती है। बतादें कि इस प्रकार के प्राचीन एवं मध्यकालीन भारतीय इतिहास से स ...Read More
  • ऑगस्टस के रोम के सिक्के कहां से प्राप्त हुए थे?
    पेरिप्लस का ज्ञात नामा लेखक प्रथम शताब्दी ई में भारत तथा रोम के मध्य घनिष्ठ व्यापारिक संबंधों का विवरण प्रस्तुत करता है। वह नौरा, मुशिरी, तोण्डी पश्चिम तट के बंदरगाहों का वर्णन करता है जहां से रोम का व्यापार होता था। सुदूर दक्षिण के कई स्थानों से रोम ...Read More
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