विजयनगर साम्राज्य में भूराजस्व विभाग का नाम 'अथवन/अठावने' था। जबकि भूमिकर को 'शिष्ट' कहा जाता था जो राज्य की आय का प्रमुख स्त्रोत था। कर लगाने के उद्देश्य से भूमि को तीन वर्गों में बांटा गया था — भीगी जमीन, सूखी जमीन, बाग एवं जंगल। बतादें कि इस प्रका
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