प्राचीन काल भारत

  • विष्णु का प्राचीनतम उल्लेख कहां मिलता है?
    विष्णु का प्राचीनतम उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। विष्णु एक ऋग्वैदिक देवता है तथा अन्य देवताओं के समान प्रकृति के देवता हैं। वे सूर्य के क्रियाशील रूप का प्रतिनिधित्व करते हैं। विष्णु का सर्वाधिक महत्व इस कारण है कि उन्होंने तीन पगों से संपूर्ण पृथ्वी ...Read More
  • ऋग्वेद में सर्वाधिक संख्या में मंत्र संबंधित हैं?
    ऋग्वेद का प्रमुख देवता इंद्र था। जिसकी स्तुति में 250 सूक्त हैं जबकि दूसरा महत्वपूर्ण देवता अग्नि है जो देवताओं व मनुष्यों के मध्य मध्यस्थ का कार्य करता था। इसके माध्यम से देवताओं को आहुतियां दी जाती थीं। ऋग्वेद में अग्नि की स्तुति में 200 सूक्त मिलत ...Read More
  • सुरा की आहुति का संबंध है?
    यजुर्वेद में विभिन्न यज्ञ तथा यज्ञीय विधि विधानों का वर्णन है। सौत्रामणि यज्ञ में पशु और सुरा की आहुति दी जाती थी। ऋग्वेद में भी सुरा का उल्लेख मिलता है। सोम तथा सुरा आर्यों के मुख्य पेय थे। सोम अपनी मादकता के लिए विख्यात था। जिसे मूजवंत पर्वत पर प्र ...Read More
  • मैत्रेयी संहिता का संबंध है?
    मैत्रेयी संहिता का संबंध यजुर्वेद से हैं, यजुष का अर्थ यज्ञ होता है। अत: यजुर्वेद संहिता में यंज्ञों को संपन्न कराने के लिए उपयोगी मंत्रों का संग्रह किया गया है जिनका उच्चारण यज्ञ के अवसर पर अध्वर्यु पुरोहित द्वारा किया जाता है। यजुर्वेद कर्मकांड प्र ...Read More
  • ऋग्वैदिक (Rigvedic) धर्म था?
    ऋग्वेदिक धर्म बहुदेववादी था। वैदिक धर्म प्रवृत्तिमार्गी था। देवताओं की तीन श्रेणियां थीं - पृथ्वीवासी देवता, आकाशवासी देवता और अंतरिक्ष के देवता। इनमें सबसे प्रमुख देवता इंद्र थे। दूसरा स्थान अग्नि का था। ऋग्वेदिक आर्य नितांत प्रवृत्तिमार्गी थे, उनके ...Read More
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