Explanation : माँ के शुचि उपकारों का, जीवन में अंत नहीं है। निस्वार्थ साधना पथ पर, मां जैसा संत नहीं है।। पंक्ति में प्रतीप अलंकार है। प्रतीप अलंकार की परिभाषा – उपमा के अंगों में उलट-फेर अर्थात उपमेय को उपमान के समान न कहकर उलटकर उपमान को ही
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