महाकवि कालिदास ने संपूर्ण 'मेघदूतम्' को मन्दाक्रान्ता छन्द में उपनिषद्ध किया है। इस छन्द का लक्षण इस प्रकार है :
'मन्दाक्रान्ता जलधिषडगैम्भौं नतौ ताद्गुरु चेत्' अर्थात् इस छन्द में प्रत्येक पाद में 17 अक्षर होते हैं। वे मगण, भगण, नगण, तगण, तगण और दो
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