पृथ्वी की आयु का निर्धारण रेडियोधर्मी डेटिंग के आधार पर होता है। जब किसी रेडियोधर्मी पदार्थों (यूरेनियम, थोरियम, आदि) का विघटन होता है। तो उससे विकिरण के रूप में ऊष्मा निकलती है। इसी ऊष्मा ह्रास की दर के आधार पर पृथ्वी की आयु की गणना की जाती है।
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