Explanation : 'आधा पात बबूल का, तामे तनिक पिसान' पंक्ति में हास्य रस है। हास्य रस की परिभाषा अनुसार – काव्य में किसी की विचित्र वेशभूषा, चेष्टा, कथन आदि हंसी उत्पन्न करने वाले कार्यों का वर्णन 'हास्य रस' कहलाता है। सामान्य हिंदी के अन्तर्गत रस
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