मध्यकालीन संतों में कबीरदास का साहित्यिक एवं ऐतिहासिक योगदान अविस्मरणीय है। कबीर रामांनद के शिष्य थे। ये निर्गुण भक्ति धारा के प्रमुख कवि थे। ये मूर्तिपूजा, बाह्रा आडंबर, अवतारवाद के विरोधी थे। इन्होंने निर्गुण ब्रह्रा की उपासना की। कबीर दास ने अपने
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