'द्विज' के अंतर्गत ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं वैश्य को शामिल किया गया था। 'शूद्र' द्विज कोटि में शामिल नहीं थे। इन्हीं तीन वर्णों - ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं वैश्य के लिए ही उपनयन संस्कार का प्रावधान किया गया था। इन्हें 'द्विज' कहा जाता था, क्योंकि उपनयन द्
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