Explanation : नाक का मोती अधर की कांति से, बीज दाड़िम का समझ कर भ्रांति से, देखकर सहसा हुआ शुक मौन है; सोचता है, अन्य शुक यह कौन है? पंक्ति में भ्रांतिमान अलंकार है। भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा – जब भ्रमवश किसी एक चीज को देखकर उसके समान किसी
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