मीराबाई ने चार ग्रंथों की रचना की – नरसी म्हारो, गीत गोविंद टीका, राग-गोविंद और राग सोरठ के पद। सूरदास की रचनाओं में सूरसागर, सूरसारावली और साहित्य लहरी शामिल हैं। जबकि रसखान का कविता संग्रह 'रसखान रचनावली' तथा 'प्रेमवाटिका' है। नरहरि की रचनाओं में '
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