आनंदवर्धन ने संस्कृत ग्रंथ 'प्रबोध चंद्रोदाय' की रचना की थी। इसका फारसी अनुवाद 'गुलजारे हाल' शीर्षक से किया गया। अन्य संस्कृत की पुस्तकें जिनका अनुवाद फारसी मे किया गया महाभारत का अनुवाद, नकीब खां, बदायूंनी, अबुल फजल, फैजी आदि विभिन्न विद्वानों के सम
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