कनिष्क कला और विद्यान का आश्रयदाता था। इसके दरबार में अश्वघोष, नागार्जुन और वसुमित्र निवास करते थे। अश्वघोष यह महान साहित्यकार थे। इनकी रचनाओं की तुलना महान मिल्टन, गेटे, काण्ट एवं वॉल्टेयर से की गयी है। इन्होंने बुद्धचरित और सूत्रालंकार की रचना की।
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