Explanation : फिरोजशाह तुगलक के दरबार में सबसे अधिक 1,80,000 गुलाम थे। फिरोज तुगलक ने दीवान-ए-बदगान नाम से दासों के लिए एक नया विभाग भी खोला था। सनद रहे कि फ़िरोज़ शाह तुगलक 45 वर्ष की उम्र में दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर बैठा। उसके पिता का नाम र
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