Explanation : स्वर्ण सिंह समिति मौलिक कर्तव्य से संबंधित है। मौलिक कर्तव्यों को वर्ष 1976 में गठित सरदार स्वर्ण सिंह समिति की संस्तुति के आधार पर शामिल किया गया। मूल कर्त्तव्य की संकल्पना को रूस (पूर्व सोवियत संघ) के संविधान से लिया गया है। इस समिति द्वारा 8 मूल कर्त्तव्यों की संस्तुति की गई थी, परंतु 42वें संशोधन द्वारा 10 मूल कर्त्तव्य जोड़े गए। वर्तमान में कुल 11 मूल कर्त्तव्य हैं, जो इस प्रकार है–
1. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करें।
2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करनेवाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे।
3. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे।
4. देश की रक्षा करे।
5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे।
6. हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका निर्माण करे।
7. प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और उसका संवर्धन करे।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करे।
9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे।
10. व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे।
11. माता-पिता या संरक्षक द्वार 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना (86वां संशोधन)।
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