सूरदास की काली कमरी चढ़े न दूजो रंग का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) इच्छा रहने पर भी मना करना
(B) विश्वास ही सब कुछ है। विश्वास ही फलदायक है
(C) आदतें पक्की होती हैं, बदलती नहीं
(D) धन ही प्रतिष्ठा का मूल है। धनवान की सब इज्जत करते है

Answer : आदतें पक्की होती हैं, बदलती नहीं

Explanation : सूरदास की काली कमरी चढ़े न दूजो रंग का अर्थ surdas ki kali kamri chadhe na dujo rang है 'आदतें पक्की होती हैं, बदलती नहीं।' हिंदी लोकोक्ति सूरदास की काली कमरी चढ़े न दूजो रंग का वाक्य में प्रयोग होगा – जिसकी जो आदत होती है वह नहीं बदलती जैसे दुष्ट अपनी दुष्टता नहीं छोड़ता चाहे कितना भी परोपकार उसके ऊपर क्यों न किया गया हो। सूरदास की काली कमरी चढ़े न दूजों रंग।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'सूरदास की काली कमरी चढ़े न दूजो रंग' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Surdas Ki Kali Kamri Chadhe Na Dujo Rang