Explanation : सोम प्रदोष व्रत 2020 में 20 अप्रैल को है। प्रदोष व्रत हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन पड़ते हैं। एक माह में दो प्रदोष पड़ते हैं। इस दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है। सोमवार के दिन जो प्रदोष व्रत पड़ता है वो सोम प्रदोष व्रत कहलाता है। आपको बता दे कि प्रदोष काल वह समय कहलाता है जिस समय दिन और रात का मिलन होता है। भगवान शंकर की पूजा एवं उपवास व्रत के विशेष काल और दिन रुप में जाना जाने वाला यह प्रदोष काल बहुत ही उत्तम समय होता है। इस समय की गई भगवान शिव की पूजा से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए अच्छा माना गया है।
सोम प्रदोष व्रत कथा कुछ इस प्रकार है कि–एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी, उसके पति का स्वर्गवास हो गया था। वह निराश्रय हो गई थी इसलिए सुबह से अपने पुत्र के साथ भीख मांगने निकल पड़ती थी। इस तरह से ही वह स्वयं व पुत्र का पेट पालती थी। एक दिन ब्राह्मणी को घर आते वक्त एक लड़का घायल अवस्था में मिला, ब्राह्मणी उसे अपने घर ले आई। वह लड़का विदर्भ का राजकुमार था, शत्रु सैनिकों ने उसके राज्य पर आक्रमण कर उसके पिता को बंदी बना लिया था और उसके राज्य पर नियंत्रण कर लिया था, इसलिए वह मारा-मारा फिर रहा था। राजकुमार ब्राह्मण-पुत्र के साथ ब्राह्मणी के घर रहने लगा। एक दिन अंशुमति नामक एक गंधर्व कन्या ने राजकुमार को देखा और उस पर मोहित हो गई। अगले दिन वह अपने माता-पिता को राजकुमार से मिलाने लाई। कुछ दिनों बाद अंशुमति के माता-पिता को शंकर भगवान ने स्वप्न में आदेश दिया कि राजकुमार और अंशुमति का विवाह कर दिया जाए, उन्होंने वैसा ही किया।....अगला सवाल पढ़े
विश्वकर्मा जयंती 2023 में 17 सितंबर दिन रविवार को है। हर साल माघ महीने में भारत (Vishwakarma Jayanti in India) के उत्तर तथा पश्चिमी हिस्सों में भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। विश्वकर्मा को भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है। हिंदू धर्म के अ ...Read More
महाशिवरात्रि व्रत 8 मार्च 2024 दिन शुक्रवार को है। भगवान शिव और मां शक्ति के मिलन का महापर्व ही शिवरात्रि (Maha Shivratri) है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जानेवाला यह महापर्व शिवरात्रि साधकों को इच्छित फल, धन, सौभाग ...Read More
षटतिला एकादशी 2024 में 6 फरवरी 2024 दिन मंगलवार को है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है। षटतिला एकादशी की कथा धार्मिक मान्यता के अनुसार इस प्रकार है कि, प्राचीन काल में पृथ्वी पर एक ब्राहमण की पत्नी रहती थी। उसके पति की मृ ...Read More
सोमवती अमावस्या 2023 में 20 फरवरी दिन सोमवार को है। अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व होता है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में लगभग एक अथवा दो ही बार पड़ती है। विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन अपने पतियों ...Read More
साल 2023 में मौनी अमावस्या 21 जनवरी दिन शनिवार को है। ‘मुनि’ शब्द से ही ‘मौनी’ की उत्पत्ति हुई है। मौनी अमावस्या व्रत में मौन धारण करनेवाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। कहा गया है कि परमात्मा मौन में ही निवास करते हैं। इसलिए हमारे ऋषियों ने हम सब ...Read More
Explanation : सकट चौथ 2023 में 10 जनवरी दिन मंगलवार को है। सकट चौथ को गणेश चतुर्थी, तिलकूट चतुर्थी, संकटा चौथ, तिलकुट चौथ के नाम से जाना जाता हैं। सभी महिलाएं अपने पुत्र की सफलता के लिए सकट चौथ व्रत को निर्जला रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत क ...Read More
पौष पूर्णिमा 2023 में 6 जनवरी दिन शुक्रवार को है। इसे शाकम्भरी पूर्णिमा भी कहते हैं। स्नान-दान, लक्ष्मी-नारायण पूजा, हवन आदि के लिए पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्त्व है। पूर्णिमा की रात चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण रहते हैं। इस दिन चंद्र देव की उनकी 27 पत ...Read More
Explanation : पौष पूर्णिमा 2024 में 25 जनवरी दिन बृहस्पतिवार को है। पौष का महीना सूर्य देव का माह और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है। सूर्य और चंद्रमा का यह संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को ही होता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामना ...Read More
नाग पंचमी 2023 में 21 अगस्त दिन सोमवार को है। नाग पचंमी के दिन नागों एवं सांपों का पूजन होता है। यह पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नागदेव की पूजा करने से कुंडली के राहु और केतु से संबंधित दोष दूर हो सकते हैं। नाग प ...Read More
Explanation : 2023 में वट सावित्री व्रत 19 मई दिन शुक्रवार को है। उत्तर भारत में वट सावित्री का व्रत सौभाग्यवती महिलाएं करती हैं। वट वे वृक्ष कहलाते हैं, जो अपनी टहनियों से स्वयं को वेष्टित (स्वयं को लपेटना) कर लेते हैं। सबसे अधिक वेष्टन करने ...Read More