Explanation : श्वेत वसन अपराध प्रतिष्ठित एवं उच्च सामाजिक पद वाले व्यक्तियों द्वारा किया जाने वाला अपराध है। इस संकल्पना का प्रयोग सर्वप्रथम सदरलैंड द्वारा किया गया। प्रमुख विद्वानों ने इसे कई रूप से परिभाषित किया है। सदरलैंड के अनुसार, 'प्रतिष्ठित एवं उच्च सामाजिक पद के व्यक्ति के द्वारा अपने व्यवसाय के समय में किया गया अपराध ही श्वेतवसन अपराध है।' हारटुंग के अनुसार, 'श्वेतवसन अपराध वह अपराध है, जो समाज के उच्च आर्थिक वर्ग से सम्बन्धित होता है और साधारणतया शिक्षित व्यक्ति द्वारा किया जाता है।' क्लीनार्ड के अनुसार, 'श्वेतवसन अपराध प्राथमिक रूप से उस कानून का उल्लंघन है, जो व्यवसायी, पेशेवर लोग और राजनीतिज्ञों आदि जैसे समूहों द्वारा अपने व्यवसाय के सम्बन्ध में किया जाता है।' टैफ्ट के अनुसार, 'श्वेतवसन अपराध का तात्पर्य उन सभी संगठित अपराधों से है, जो कानून भंग करने वाले विशेषज्ञ व्यक्ति अथवा समूह द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए किये जाते हैं।
श्वेतवसन अपराध के लक्षण (विशेषताएँ) सदरलैंड ने श्वेतवसन अपराध की निम्नलिखित विशेषताओं का उल्लेख किया है–
1. श्वेतवसन अपराध उच्च प्रतिष्ठा प्राप्त सामाजिक-आर्थिक वर्ग के व्यक्तियों के द्वारा किया गया अपराध है।
2. श्वेतवसन अपराध में कानून का उल्लंघन बड़ी चतुरता के साथ किया जाता है।
3. श्वेतवसन अपराधी अपनी प्रतिष्ठा के कारण कानूनी दण्ड से बच जाता है, तथा उसकी प्रतिष्ठा पर कोई आँच नहीं आती।
4. श्वेतवसन अपराध जनता के विश्वास की आड़ में किये जाते हैं। अतः यह विश्वासघात पर आधारित अपराध है। निर्धन किसानों का साहूकार लोग इसी प्रकार शोषण करते हैं।
5. अप्रत्यक्ष रूप से किये जाने के कारण श्वेत वसन अपराध का जनता द्वारा विरोध नहीं किया जाता है।
6. श्वेतवसन अपराध धनी वर्ग, उच्च सामाजिक व राजनीतिक पद प्राप्त व्यक्ति द्वारा ही सम्भव है।
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