शून्यता के सिद्धांत का सर्वप्रथम प्रतिपादन करने वाले बौद्ध दार्शनिक का नाम है?

(A) नागार्जुन
(B) नागसेन
(C) आनंद
(D) अवश्यघोष

Question Asked : [UPPCS (Pre) Opt. History 2006]

Answer : नागार्जुन

माध्यमिक (शुन्यवाद) के प्रवर्तक नागार्जुन हैं, जिनकी प्रसिद्ध रचना 'माध्यमिक कारिका' है। इसे 'सापेक्षवाद' भी कहा जाता है। जिसके अनुसार प्रत्येक वस्तु किसी न किसी कारणे से उत्पन्न हुई और उस पर निर्भर रहती है। नागार्जुन ने 'प्रतीत्य समुत्पाद' को ही शून्यता कहा है। इस मत से महात्मा बुद्ध प्रतिपादित मध्यम — मार्ग को विकसित किया गया है। शुन्यवाद महायान संप्रदाय' के दो संप्रदाओं शून्यवाद और विज्ञानवाद (योगाचार) मे से एक है।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Shunyata Ke Siddhant Ka Sarvapratham Pratipadan Karne Wale Bauddh Darshanik Ka Naam Hai