Explanation : श्रीमद् भागवत में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय व 12 स्कंध हैं। इनमें भगवान की लीलाओं का वर्णन ललित भाषा में है। हिंदुओं के अठारह पुराणों में भागवत सबसे महत्वपूर्ण पुराण है। गणना में भागवत आठवें पुराण के तौर पर गिना जाता है। आजकल 'भागवत' नाम से दो पुराण प्रचलित हैं देवीभागवत और श्रीमद्भागवत या भागवत पुराण। इनमें किसे प्रथम और किसे अन्य समझा जाए, यह स्पष्ट होते हए भी इस विषय पर एक राय नहीं है। विविध तरह से समीक्षा करने से यही लगता है कि श्रीमदभागवत को ही पुराण मानना चाहिए और देवीभागवत को उपपुराण। श्रीमद्भागवत, देवीभागवत के विषय में चुप है, परंतु देवीभागवत, भागवत की गणना उपपुराणों में करता है। भागवत में भारत की महिमा के बारे में लिखे आठों श्लोक देवीभागवत में एक ही क्रम में लिखे हैं। भागवत भक्ति और अध्यात्म का समन्वय प्रतिपादित करता है। इसके अलावा भागवत निगमकल्पतरु का फल माना जाता है। भागवत विद्वत्ता की कसौटी है और इसी कारण टीका ग्रंथ की दृष्टि से भी यह अतुलनीय है। कहा भी गया है 'विद्यावतां भागवते परीक्षा'। विभिन्न वैष्णव संप्रदाय के विद्वानों ने अपने मत की पुष्टि के लिए भागवत के ऊपर व्याख्याएं लिखी हैं।....अगला सवाल पढ़े
सात घोड़ों की तस्वीर घर में पूर्व की दिशा में और ऑफिस में दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए। दौड़ते हुए सात घोड़ों की तस्वीर के बारे में कहा जाता है कि इस तस्वीर को घर और ऑफिस दोनों जगहों पर लगाया जा सकता है। वास्तु शास्त्र अनुसार 7 घोड़ों की तस्वीर दिखने ...Read More
सात घोड़े की तस्वीर रविवार के दिन लगाना चाहिए, क्योंकि यह दिन सूर्य देवता का दिन माना गया है। इसी के साथ रविवार के दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से जीवन में अवश्य ही लाभ मिलता है तथा सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। सात दौड़ते हुए घोड़ों की तस ...Read More
हर महीने की शुक्ल चतुर्थी को विनायक जयंती तथा कृष्ण पक्ष चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं, जो गणपति के दो दिव्य जन्म और अवतरण का सूचक है। पहले जन्म में वह देहधारी विनायक हैं। दूसरे में वह हाथी का मस्तक धारण किए हुए श्री गणेश हैं। पुराणों के अनुसार ...Read More
ज्योतिष और खगोल शास्त्र के विद्वान पंडित सूर्यनारायण व्यास का जन्म 2 फरवरी, 1902 को उज्जैन में हुआ था। 1932 में एक लेख में भविष्य में आने वाले 300 भूकंपों की सूची प्रकाशित कर दी थी, जो समय के साथ सच साबित होते रहे। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, राजे ...Read More
ऐसे व्यक्ति, जिनका जन्म किसी महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 9 बनता है। मूलांक 9 के स्वामी ग्रह मंगलहैं। ऐसे जातकों का अदम्य साहस, दृढ़ इच्छाशक्ति व व्यक्तित्व उन्हें सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। किसी भी कार्य में हार ना ...Read More
जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक बनता है 8, जिसके स्वामी ग्रह हैं शनि। आने वाले वर्ष में अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित करें और फिर उन्हें प्राप्त करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार करते हुए अपनी प्रबंधन क् ...Read More
किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को जिनका जन्म हुआ है, उनका मूलांक बनता है सात। इस अंक के स्वामी ग्रह हैं केतु। आप स्वभाव से गंभीर प्रवृत्ति के, खोजी और दूरदृष्टि वाले व्यक्ति हैं। आपके मित्रों का दायरा सीमित होता है, लेकिन जिसे मित्र मानते हैं, उस ...Read More
जिस व्यक्ति के जन्म की तारीख किसी भी महीने की 6, 15 या 24 तारीख है, उनका मूलांक 6 बनता है। अंक छह के स्वामी ग्रह शुक्र हैं, जो वैभव, सौंदर्य, मिलनसारिता, संगीत कला नाट्य में रुचि प्रदान करते हैं। ये रुचियां इस साल आगे बढ़ेंगी। अपनी बुद्धिमता का प्रयो ...Read More
जिनका जन्म मई महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 5 बनता है। इसके स्वामी ग्रह बुध हैं। इस मूलांक वाले दृढ़ता और बुद्धिमत्ता के साथ अपने सभी कार्यों को करने में सफल रहते हैं। अपनी रचनात्मक क्षमता के कारण इन्हें इस साल लाभ होने वाला है। इ ...Read More
ऐसे व्यक्ति जिनका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या फिर 31 तारीख को हुआ हो, उनका मूलांक 4 बनता है। इसके स्वामी ग्रह राहु हैं। अपने अनुशासन को आप बनाए रखेंगे। इस साल भी अपने काम पर फोकस करके आप कार्यों को पूरा कर पाएंगे। इस साल पैसा कुछ अधिक खर्च होग ...Read More